Friday, 20 May 2011
लंबी और कमजोर रोमांटिक कॉमेडी
निर्माता अभिषेक पाठक और निर्देशक लव रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा में सारे अभिनेता नए ही हैं। निर्देशक भी नए हैं लेकिन दुर्भाग्य से दर्शक नए नहीं है। वे फिल्में देखते रहते हैं। प्यार का पंचनामा रोमांटिक कॉमेडी है और तीन दोस्तों के लड़कियों से मिलने ओर बिछुड़ने की कहानी है। कैनवस फरहान अख्तर की दिल चाहता है से मिलता है लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं मिलता।
तीनों दोस्त साथ रहते हैं और एक दिन अचानक तीनों की जिंदगी में तीन तरह की लड़कियां आती हैं और "कुत्तागिरी" शुरू होती है। तीनों लड़कियों में ऎसी कोई खास बात नहीं है कि जिसके लिए उनके पीछे इस तरह से पड़ा जाए। तीनों नायक भी नए हैं और वे अपना काम ठीक ठाक कर गए हैं। लेकिन कहानी में लड़कियों को लेकर अनीस बज्मीवादी टिप्पणियां बहुत ज्यादा हैं जो लड़कियों को हीन दिखाने की पुरूषोचित सोच का वमन है। जहां एक पात्र विक्रांत कहता है कि कोई कितनी भी समानता और एक दूसरे को स्पेस देने की बात करे वो तब तक ही ठीक लगती है जब तक लड़की आपको मिली नहीं हो या पहली बार कंधे पर सिर रखकर रो रही हो। उसके बाद साथ रहते हुए आप एक दूसरे को स्पेस देने की कल्पना भी नहीं कर सकते।
हां, इंटरवल से पहले तक कुछ कॉमिक संवाद और दृश्य अच्छे लगे हैं लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म ऊबाऊ और लंबी होती चली जाती है। लिव इन से लेकर दूसरे बॉय फे्रंड को बर्दाश्त करने और प्यार में बलिदान और तौहीन सहने जैसी कई सिचुएशन फिल्म में हैं लेकिन वे ताजा नहीं लगती और इसलिए प्यार का पंचनामा एक अच्छे विचार और कथासूत्र के बावजूद बहुत बेकार लगती है।
खासकर फिल्म की अवधि बेहतर संपादन के बाद यदि बीस से पच्चीस मिनट और कम कर दी जाती और महिलाओं और युवा लड़कियों के प्रति लेखक निर्देशक कुछ स्पष्ट और उदार नजरिए से सोचते तो शायद बात अलग होती। फिलहाल फिल्म में इतनी सी गुुंजाइश है जवान होने की दहलीज पर खड़े दर्शक टाइमपास के लिए इसे देख सकते हैं। लगातार पार्श्व में चलता गाना बंध गया पट्टा, देखो बन गया कुत्ता यह सोच बताने को काफी है कि आदमी कुत्ता होता है और औरत उसकी जिंदगी में आते ही उसे एक पट्टा डालती है, और उसे उम्र भर उसके कहे अनुसार ही चलना होता है, लिहाजा जितना उनसे बच सकें आप बचें। सुनने में यह बाद कबीर वाणी के "माया महाठगिनी हम जानी" जैसी है लेकिन अफसोस कि पर्दे पर यह फिल्म प्रभावित नहीं करती। गाने ठीक ठाक हैं।
रामकुमार सिंह
Thursday, 19 May 2011
दबंग सबसे मनोरंजक फिल्म
नई दिल्ली। 58वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई गई है। मलयालम फिल्म "अदमंते मकन अबू" को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का अवर्ड दिया गया है। जबकि बॉलीवुड की फिल्म दबंग को सर्वश्रेष्ठ मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार हासिल हुआ है। तमिल सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए के बालचंदर को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नाजा गया।
58वें फिल्म पुरस्कारों में मलयालम फिल्म "अदमंते मकन अबू" का जलवा रहा है । इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अर्वाड से नवजा गया वहीं इसी फिल्म में बेहतरीन एक्टिंग के लिए सलीम कुमार को बेस्ट एक्टर का पुरस्कार दिया गया। मिताली जगताप को मराठी फिल्म बाबू बैंड बाजा के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब दिया गया। "कबीरा खड़ा बाजार में" को स्पेशल ज्यूरी अर्वाड से नवाजा गया। फिल्म के निर्देशक को 1 लाख रूपए व रजत कमल भेंट किया जाएगा। अरूणिमा शर्मा को सव्रश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया।
बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर मूवी दबंग को साल की सर्वश्रेष्ठ मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार दिया गया। वहंी बॉलीवुड की फिल्म दो दूनी चार को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार दिया गया।
राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर बनी फिल्म मोनेर मानुस को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का नरगिस दत्त अर्वाड मिला। फिल्म अद्वैतम को बेस्ट एजुकेशनल फिल्म,बॉक्सिंग लेडी को बेस्ट स्पोर्टिग फिल्म, व चैंपियन को सामाजिक मद्दों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अर्वाड से नवाजा गया।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार- के बालचंदर
बेस्ट फीचर फिल्म- मलयालम फिल्म अदमंते मकन अबू
बेस्ट एक्टर- सलीम कुमार एवं - अदमंते मकन अबू व धनुष-आदुकलम
बेस्ट एक्ट्रेस - मिताली जगताप
होलसेल इंटरटेनर अवार्ड - दबंग
बेस्ट डायरेक्टर- अरूणिमा शर्मा
बेस्ट डेब्यू फिल्म- बाबू बैंड बाजा
राष्ट्रीय एकता पर बेस्ट फिल्म - मोनेर मानुस
बेस्ट फिल्म ऑन सोशल इश्यू- चैंपियन
बेस्ट एजुकेशनल फिल्म- अद्वैतम
बेस्ट खेल फिल्म - बॉकि्संग लेडीज
बेस्ट फिल्म ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी- हर्ट-टु-हर्ट
सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म- हिज्जेगलु
स्पेशल इफेक्ट्स का बेस्ट अवार्ड- रोबोट
स्पेशल ज्यूरी अवार्ड - कबीरा खड़ा बाजार में
सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म- दो दूनी चार
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (मेल)- सुरेश वाडकर
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (फीमेल) रेखा भारद्वाज
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर- विशाल भारद्वाज- इश्किया
58वें फिल्म पुरस्कारों में मलयालम फिल्म "अदमंते मकन अबू" का जलवा रहा है । इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अर्वाड से नवजा गया वहीं इसी फिल्म में बेहतरीन एक्टिंग के लिए सलीम कुमार को बेस्ट एक्टर का पुरस्कार दिया गया। मिताली जगताप को मराठी फिल्म बाबू बैंड बाजा के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब दिया गया। "कबीरा खड़ा बाजार में" को स्पेशल ज्यूरी अर्वाड से नवाजा गया। फिल्म के निर्देशक को 1 लाख रूपए व रजत कमल भेंट किया जाएगा। अरूणिमा शर्मा को सव्रश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया।
बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर मूवी दबंग को साल की सर्वश्रेष्ठ मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार दिया गया। वहंी बॉलीवुड की फिल्म दो दूनी चार को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार दिया गया।
राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर बनी फिल्म मोनेर मानुस को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का नरगिस दत्त अर्वाड मिला। फिल्म अद्वैतम को बेस्ट एजुकेशनल फिल्म,बॉक्सिंग लेडी को बेस्ट स्पोर्टिग फिल्म, व चैंपियन को सामाजिक मद्दों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अर्वाड से नवाजा गया।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार- के बालचंदर
बेस्ट फीचर फिल्म- मलयालम फिल्म अदमंते मकन अबू
बेस्ट एक्टर- सलीम कुमार एवं - अदमंते मकन अबू व धनुष-आदुकलम
बेस्ट एक्ट्रेस - मिताली जगताप
होलसेल इंटरटेनर अवार्ड - दबंग
बेस्ट डायरेक्टर- अरूणिमा शर्मा
बेस्ट डेब्यू फिल्म- बाबू बैंड बाजा
राष्ट्रीय एकता पर बेस्ट फिल्म - मोनेर मानुस
बेस्ट फिल्म ऑन सोशल इश्यू- चैंपियन
बेस्ट एजुकेशनल फिल्म- अद्वैतम
बेस्ट खेल फिल्म - बॉकि्संग लेडीज
बेस्ट फिल्म ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी- हर्ट-टु-हर्ट
सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म- हिज्जेगलु
स्पेशल इफेक्ट्स का बेस्ट अवार्ड- रोबोट
स्पेशल ज्यूरी अवार्ड - कबीरा खड़ा बाजार में
सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म- दो दूनी चार
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (मेल)- सुरेश वाडकर
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (फीमेल) रेखा भारद्वाज
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर- विशाल भारद्वाज- इश्किया
Friday, 7 May 2010
"Attack On Patrika" matter echoes in Parliament
New Delhi / Indore / Jaipur | Recent attacks on Indore's popular Hindi daily "Patrika" became the hot topic of discussion in Lok Sabha today. state industry minister Kailash Vijayvargia and legislator Ramesh Mendolah , who have been involved in Land frauds and other manipulations that triggered the formation of millions of worth, attacked all Patrika hawkers across Indore displaying absolute felony & inefficiency of the local administration. This has been opposed by Congress, RJD, including opposition parties and the state BJP government was asked questions regarding the issue.
Patrika's print copies were burn & snatched from hawkers on thursday. The incident was strongly condemmned by the MP's and said that this is a shameful incident & heights of felony. The MPs said this is sheer hooliganism. When Mahesh Joshi, Congress MP from Jaipur , took up this matter in parliament , at one-time it appeared that whole house stood behind them . Congress, RJD and SP which appeared very aggressive on this issue, the BJP seemed defensive. Yashwant Sinha and Aditya Nath Yogi tried to say something, but the opposition's voices were so loud that his voice could not be heard.
Mahesh Joshi first raised a matter
Jaipur Congressman Mahesh Joshi first raised the issue as soon as the house began. . He said that incidents of burning the newspaper copies & snatchign them from hawkers is sheer insult of democracy . This also added that such incidents show the heights of felony by ruling BJP government in the state.
And MPs stood up too ..
As soon as Mahesh Joshi raised the issue in the House, other MP's from Rajasthan, Harish Chaudhary, Gopal Singh Shekhawat, Ejrai Singh, kilareelaal Bairwa, Rattan Singh, Badri Jakhar & Bharat Ram Meghwal also stood up in support with equal voice against the ruling BJP government in the state.
Lalu also jumped in ..
Meanwhile, RJD supremo Laloo Prasad Yadav and senior party MP Raghuvansh Prasad Singh, also stood up in support of Mahesh Joshi & condemned the BJP state governments for allowing the felony . Congress MP from Uttar Pradesh Jagdmbika Pal & Rajaram Pal also stood up against the BJP.
Jyotiraditya Scindia slams the State BJP government
Jyotiraditya Scindia who is M.P from Madhya Pradesh also slammed.the State BJP government on the issue.Speaking fluent against the attack on Patrika, he said that this attack is an attack on Fourth Pillar of Democracy. Yashwant Sinha & Yogi Aditya of BJP tried to defend in between all this their voices could not be heard between such loud noice in the house.
Patrika's print copies were burn & snatched from hawkers on thursday. The incident was strongly condemmned by the MP's and said that this is a shameful incident & heights of felony. The MPs said this is sheer hooliganism. When Mahesh Joshi, Congress MP from Jaipur , took up this matter in parliament , at one-time it appeared that whole house stood behind them . Congress, RJD and SP which appeared very aggressive on this issue, the BJP seemed defensive. Yashwant Sinha and Aditya Nath Yogi tried to say something, but the opposition's voices were so loud that his voice could not be heard.
Mahesh Joshi first raised a matter
Jaipur Congressman Mahesh Joshi first raised the issue as soon as the house began. . He said that incidents of burning the newspaper copies & snatchign them from hawkers is sheer insult of democracy . This also added that such incidents show the heights of felony by ruling BJP government in the state.
And MPs stood up too ..
As soon as Mahesh Joshi raised the issue in the House, other MP's from Rajasthan, Harish Chaudhary, Gopal Singh Shekhawat, Ejrai Singh, kilareelaal Bairwa, Rattan Singh, Badri Jakhar & Bharat Ram Meghwal also stood up in support with equal voice against the ruling BJP government in the state.
Lalu also jumped in ..
Meanwhile, RJD supremo Laloo Prasad Yadav and senior party MP Raghuvansh Prasad Singh, also stood up in support of Mahesh Joshi & condemned the BJP state governments for allowing the felony . Congress MP from Uttar Pradesh Jagdmbika Pal & Rajaram Pal also stood up against the BJP.
Jyotiraditya Scindia slams the State BJP government
Jyotiraditya Scindia who is M.P from Madhya Pradesh also slammed.the State BJP government on the issue.Speaking fluent against the attack on Patrika, he said that this attack is an attack on Fourth Pillar of Democracy. Yashwant Sinha & Yogi Aditya of BJP tried to defend in between all this their voices could not be heard between such loud noice in the house.
Wednesday, 27 January 2010
JAIPUR LITERATURE FESTIVAL 2010
"The Greatest Literary Show On Earth ! ”
21st – 25th January 2010, Diggi Palace
Jaipur
Exclusive Web Coverage : www.patrika.com
http://www.patrika.com/jaipur-literature-festival-2010/jaipur-literature-festival.html
The Jaipur Literature Festival is considered to be Asia’s leading literature event & undoubltely, the biggest completely free festival of literature in the world. It is a celebration of National and International writers and encompasses a range of activities including film, music and theatre.
The festivities continue at the 5th edition of Jaipur Literature Festival as the crowd keep increasing day after day to meet their favourite authors and artists again at Diggi palace.
The festival, which is now in its fifth year, showcased a wonderful mix of talks, panel discussions, lectures and readings by renowned authors from across the globe along with amazing evenings of World music concerts throughout the festival.
The Jaipur Literature Festival, which is rightly acclaimed as"The Greatest Literary Show On Earth”( by Tina Brown, Editor of The Daily Beast), showcased the best of Indian-language and English writing from India, along with hosting a Nobel laureate, a winner of the Samuel Johnson Prize, two Booker winners and five winners of the Pulitzer prize for Literature, as well as leading writers from the world of history, biography, literary criticism, and travel, in addition to the stars of the world of fiction and the novel. This year's participating Writers included Hanif Kureishi, Niall Ferguson, Louis De Bernieres, Roberto Calasso, Amit Chaudhuri, Geoff Dyer, Vikram Chandra, Tina Brown, Claire Tomalin, Michael Frayn, Mahasweta Devi, Shobhaa De Indira Goswami, Krishna Sobti, Krishna Baldev Vaid, Steve Coll, Stephen Frears, Pavan Varma, Lawrence Wright, Christophe Jaffrelot, Ashi Dorji Wangmo Wangchuk, and Alexander McCall Smith. Most of these sessions were exclusively covered via Webcasting by Patrika.com . Click here to View the session videos & pictures.
http://www.patrika.com/jaipur-literature-festival-2010/jaipur-literature-festival.html
One of the nicer Objective of this festival was not only to allow readers the opportunity to interact with established and new writers, but also with those who are unknown and whose works are personally admired by the established authors & writers.Other highlights of the festival included readings from Girish Karnad’s Tughlaq by acclaimed actor Om Puri, performances by Titi Robin, Cheb I Sabbah, Susheela Raman, Djaima, Rajasthan Roots and Paban Das Baul, and readings and performances from William Dalrymple’s Nine Lives. There were many more events & sessions worth mentioning apart from the mentioned above but as they say one should see it to beleive it ! Click the link below to check all the sessions videos & pictures .
http://www.patrika.com/jaipur-literature-festival-2010/gallery-2010/pages/15.html
http://www.patrika.com/jaipur-literature-festival-2010/video.html
21st – 25th January 2010, Diggi Palace
Jaipur
Exclusive Web Coverage : www.patrika.com
http://www.patrika.com/jaipur-literature-festival-2010/jaipur-literature-festival.html
The Jaipur Literature Festival is considered to be Asia’s leading literature event & undoubltely, the biggest completely free festival of literature in the world. It is a celebration of National and International writers and encompasses a range of activities including film, music and theatre.
The festivities continue at the 5th edition of Jaipur Literature Festival as the crowd keep increasing day after day to meet their favourite authors and artists again at Diggi palace.
The festival, which is now in its fifth year, showcased a wonderful mix of talks, panel discussions, lectures and readings by renowned authors from across the globe along with amazing evenings of World music concerts throughout the festival.
The Jaipur Literature Festival, which is rightly acclaimed as"The Greatest Literary Show On Earth”( by Tina Brown, Editor of The Daily Beast), showcased the best of Indian-language and English writing from India, along with hosting a Nobel laureate, a winner of the Samuel Johnson Prize, two Booker winners and five winners of the Pulitzer prize for Literature, as well as leading writers from the world of history, biography, literary criticism, and travel, in addition to the stars of the world of fiction and the novel. This year's participating Writers included Hanif Kureishi, Niall Ferguson, Louis De Bernieres, Roberto Calasso, Amit Chaudhuri, Geoff Dyer, Vikram Chandra, Tina Brown, Claire Tomalin, Michael Frayn, Mahasweta Devi, Shobhaa De Indira Goswami, Krishna Sobti, Krishna Baldev Vaid, Steve Coll, Stephen Frears, Pavan Varma, Lawrence Wright, Christophe Jaffrelot, Ashi Dorji Wangmo Wangchuk, and Alexander McCall Smith. Most of these sessions were exclusively covered via Webcasting by Patrika.com . Click here to View the session videos & pictures.
http://www.patrika.com/jaipur-literature-festival-2010/jaipur-literature-festival.html
One of the nicer Objective of this festival was not only to allow readers the opportunity to interact with established and new writers, but also with those who are unknown and whose works are personally admired by the established authors & writers.Other highlights of the festival included readings from Girish Karnad’s Tughlaq by acclaimed actor Om Puri, performances by Titi Robin, Cheb I Sabbah, Susheela Raman, Djaima, Rajasthan Roots and Paban Das Baul, and readings and performances from William Dalrymple’s Nine Lives. There were many more events & sessions worth mentioning apart from the mentioned above but as they say one should see it to beleive it ! Click the link below to check all the sessions videos & pictures .
http://www.patrika.com/jaipur-literature-festival-2010/gallery-2010/pages/15.html
http://www.patrika.com/jaipur-literature-festival-2010/video.html
Wednesday, 13 January 2010
Entries open for the Third International KC Kulish International Award for Excellence in Print Journalism- 2009
Rajasthan Patrika announces the Third KC Kulish International Award for Excellence in Print Journalism-2009. This annual award, intuited in 2007, in the sanctified memory of the founder of the newspaper group Karpoor Chandra Kulish, is aimed at recognizing efforts of the teams of journalists working in daily newspapers with a commitment to upholding professional values as well as protecting and promoting rights and freedom of the people for better quality of life.
The theme of this year award is 'Inclusive Development', seeking to honor journalists who have contributed most compelling stories in print impacting the lives and meeting the aspirations of marginalized groups of the community.
The award is open for entries till 15th February 2010. Winning team is awarded cash prize US $ 11,000 and a medal and certificate to each team members. The trophy and prize money is awarded to the institution or team leader (in case of independent team) on behalf of the team. Ten entries also receive special award of merit and given certificate & medal. There is no entry fee for the award. The entries should be based on published stories in daily newspaper between 1st January 2009 to 31st December 2009.
Former President of India APJ Abdul Kalam graced the first award ceremony in 2008 and Loksabha Speaker Meira Kumar bestowed the prizes to the winners of the second KC Kulish International award last year. Harinder Baweja and her team received the second KC Kulish award and Dawn and HT received joint award in 2007. The ceremony for the Third award will be held in the month of March this year. The application procedure and related details can be accessed on www.patrika.com/kckaward
The theme of this year award is 'Inclusive Development', seeking to honor journalists who have contributed most compelling stories in print impacting the lives and meeting the aspirations of marginalized groups of the community.
The award is open for entries till 15th February 2010. Winning team is awarded cash prize US $ 11,000 and a medal and certificate to each team members. The trophy and prize money is awarded to the institution or team leader (in case of independent team) on behalf of the team. Ten entries also receive special award of merit and given certificate & medal. There is no entry fee for the award. The entries should be based on published stories in daily newspaper between 1st January 2009 to 31st December 2009.
Former President of India APJ Abdul Kalam graced the first award ceremony in 2008 and Loksabha Speaker Meira Kumar bestowed the prizes to the winners of the second KC Kulish International award last year. Harinder Baweja and her team received the second KC Kulish award and Dawn and HT received joint award in 2007. The ceremony for the Third award will be held in the month of March this year. The application procedure and related details can be accessed on www.patrika.com/kckaward
Monday, 5 October 2009
इम्यूनिटी बढ़ाए आंवला और जिंक
सर्दी जुकाम दुनिया का सबसे आम रोग है और इससे छुटकारा पाने के तरीके भी सामान्य ही हैं। लेकिन जितनी अवधि तक यह रोग रहता है, हमें परेशान किए रहता है। अभी तक मानव समाज इसका कोई सटीक हल नहीं पा सका है। 12वीं सदी के चिकन सूप से लेकर आधुनिक जमाने के एंटीहिस्टामीन्स तक हमने सब आजमा लिए हैं। लेकिन जिसे खाते ही जुकाम छूमंतर हो जाए वह नुस्खा अभी तक हमें हासिल नहीं हो सका है।आधुनिक दवाओं में दर्द एवं ज्वर निवारक हैं, बंद नाक को खोलने वाली औषधियां हैं। खांसी को बंद करने वाले सिरप हैं, एंटीहिस्टामींस हैं। ये सभी तरीके कुछ हद तक कामयाब हुए हैं, लेकिन पूरी सफलता पाने में कोई काम नहीं आया। सामान्य सर्दी जुकाम होने के बाद उससे निजात पाने के लिए तो तरीके ढूंढ़े गए हैं, लेकिन इसकी रोकथाम के तरीकों को विकसित करने पर ध्यान कम ही दिया गया है। हालांकि आयुर्वेद जैसी प्राचीन परंपरा में रोकथाम पर ध्यान दिया गया है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता
आयुर्वेद हमें बताता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना कर खांसी, सर्दी, खराब गले की समस्या से ठीक तरीके से निपटा जा सकता है। दूसरी ओर खांसी-जुकाम की आधुनिक दवाएं इस रोग से मुक्ति तो नहीं दे पातीं, किंतु इसके लक्षणों का इलाज करने में कारगर सिद्ध हुई हैं। इसलिए सर्दी जुकाम से निपटने के लिए हमें बहुविध दृष्टिकोण अपनाना होगा यानी इलाज की नई दवाओं के साथ-साथ रोकथाम के पुराने तरीकों को भी मिलाना होगा। इन दोनों को एक करने के लिए हमें बहुत ध्यान से काम करना होगा।
रोकथाम के पुराने तौर तरीके
- आंवला बहुत महžवपूर्ण है। आंवले को खांसी, सर्दी और श्वसनप्रणाली के अन्य संक्रमणों के उपचार हेतु प्रयोग किया जाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आंवले में संतरे के मुकाबले 20 गुणा विटामिन सी होता है। सेब के मुकाबले आंवले में 3 गुणा अधिक प्रोटीन और 160 गुणा अधिक एस्कॉर्बिक एसिड होता है। आंवले में बहुत से खनिजोंऔर अमीनोएसिड की उच्च मात्रा होती है।
- अदरक की चाय बुखार को तोड़ती है और नाक, गले और फेफड़ों में जमा बलगम को हटाती है। यदि आप बेहद अधिक सर्दी जुकाम की स्थिति से गुजर रहे हैं ,तो दो चम्मच ताजा अदरक लेकर 2 कप पानी में डालें, इसको 30 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें, हर दो घंटे बाद इस गुणकारी चाय का आनंद लें।
- सर्दी जुकाम में चिकन और सब्जियों का सूप बड़ा लाभकारी होता है। यदि आप अपने सूप में काली मिर्च मिला लें तो न केवल आपको कई प्रकार की पीड़ाओं से राहत मिलेगी बल्कि यदि बुखार है तो वह भी कम होगा।
- हर्बल चाय ऎसे में लाभकारी होती है। चंद्रगंधा की चाय या नीबू अथवा अदरक की चाय राहत प्रदान करती है। लहसुन भी जुकाम के इलाज में सहायक है।
- गर्म और चटपटी जड़ी बूटियां जैसे काली मिर्च, सूखी अदरक या चित्रक खांसी और सर्दी में फायदेमंद होती हैं।
आधुनिक उपचार
- जिंक ऎसिटेट एवं जिंक ग्लूकोनेट का प्रयोग नेजल स्प्रे और नेजल जैल में किया जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने की इसकी क्षमता के चलते इसका इस्तेमाल जुकाम ठीक करने वाली गोलियों में किया जाता है। हाल में हुए एक अध्ययन के परिणामों से मालूम चला कि जिंक की खुराक सर्दी जुकाम की अवधि को कम करती है। इस अध्ययन में जुकाम ग्रस्त लोगों को मीठी चूसने वाली गोलियों में जिंक को संयोजित करके दिया गया। नतीजे में पाया गया कि इन लोगों को जुकाम कम समय तक रहा, उन लोगों की तुलना में जिन्होंने जिंक का सेवन नहीं किया। वर्कज से हमें जिंक की पर्याप्त मात्रा मिल जाती है।
- खांसी के सिरप, गले के स्प्रे या ओटीसी पेन/कोल्ड दवाएं प्रयोग करें। साथ में गुनगुने नमकीन पानी का गरारा करें, खूब पानी पिएं और पूरा आराम करें।
- बंद नाक खोलने के लिए नेजल ड्रॉप्स प्रयोग करें या बाम मिलाकर गर्म पानी की भाप लें।
- अमरीकन लंग्स एसोसिएशन सलाह देती है कि कॉफी,
चाय, कोला पेयों से परहेज करें। शराब से भी दूर रहें। इन सभी चीजों से शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
- पारंपरिक उपचारों और आधुनिक दवाओं दोनों का संयोजन करता है खांसी जुकाम में काम।
- सर्दी खांसी जुकाम से निपटने के लिए हमारे पास कोई एक सटीक रामबाण औषधि नहीं है। इसलिए हमें इन रोगों के निपटने के लिए बहुविध योजना अपनानी होगी। जिंक और आंवले का संयोजन बहुत कारगर है।
आंवला बरसों से विटामिन सी का सर्वोत्तम स्रोत रहा है । वैज्ञानिक आधार पर सिद्ध हो चुका है कि जिंक रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इन दोनों के सेवन से शरीर का सुरक्षा तंत्र इतना मजबूत हो जाता है कि रोगाणु अधिक समय तक हमें प्रभावित नहीं
कर पाते। इस प्रकार बदलते मौसम के इन सामान्य संक्रमणों को पछाड़ने में और हमें फिट रखने में पुराने और नए तरीकों का सम्मिश्रण सबसे सटीक साबित होता है। इन दिनों आंवले और जिंक की खुराक लेने के लिए आप प्रतिदिन एक वर्कज का सेवन कर सकते हैं।
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