नीबू और व्यक्तित्व
नीबू को देखकर मुंह में पानी आना स्वाभाविक है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि यही पानी आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बता सकता है। आप किस तरह के व्यक्तित्व की धनी हैं- नीबू की एक बूंद जीभ पर डालिए और जान लीजिए।
रैटीक्यूलर एक्टीवेटिंग सिस्टम
यही सिस्टम हमारे व्यक्तित्व का राज खोलता है। खाने को देखकर हमारे मुंह में कितना पानी आएगा यह इसी सिस्टम पर निर्भर करता है। मुंह में बनने वाली लार की मात्रा को यही सिस्टम नियंत्रित करता है। इसकी कार्यविधि पर ही हम खाना खाने के लिए और सामाजिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित होते हैं।
अंतर्मुखी और बहिर्मुखी
वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग अंतर्मुखी होते हैं उनका रैटीक्यूलर एक्टीवेटिंग सिस्टम अधिक प्रभावी होता है और इसलिए ही उनमें किसी भी खाने की चीज को देखकर विशेष रूप से नीबू को देखकर बहुत ज्यादा लार बनती है। कुछ भी खाने पर तो इसकी मात्रा और ज्यादा बढ जाती है। दूसरी तरफ जो लोग बहिर्मुखी होते हैं उनके मुंह में लार कम बनती है क्योंकि उनका आरएस सिस्टम तुलनात्मक दृष्टि से कम प्रभावी तरीके से काम करता है।
आप कैसे हैं
अंतर्मुखी या बहिर्मुखी यह ऎसे जानें-
- नीबू का रस
- किचन स्केल्स
- रूई के फाहे
ऎसे करें
- अपनी जीभ पर बूंद भर नीबू का रस टपकाएं और 10 सैकंड तक पूरे मुंह में इसका स्वाद लें।
- अब रूई के फाहों से जीभ की सारी लार समेट लें।
- इसके बाद किचन स्केल पर उन रूई के फाहों को रखें और प्रत्येक का वजन देखें।
अगर औरों की तुलना में आपका रूई का फाहा भारी है, तो आप अंतर्मुखी हैं और आपका रूई का फाहा दूसरों से हल्का है, तो आप बहिर्मुखी हैं। फाहे का हल्का या भारी होना लार की मात्रा पर निर्भर करता है। वैज्ञानिकों ने अपनी जांच के जरिए इस बात का खुलासा किया है कि बहिर्मुखी लोगों की तुलना में अंतर्मुखी लोगों में 50 प्रतिशत ज्यादा लार उत्पन्न होती है।
Lemon and your Personality
Monday, 25 May 2009
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