Thursday 30 July 2009

आप व्यवसाय करेंगे या नौकरी

कोई व्यक्ति व्यापार करेगा या नौकरी, इसका पता दशमांश वर्ग से किया जाता है। नौकरी या व्यवसाय में सफलता या असफलता का पता भी इससे लगता है। हो सकता है कि आम व्यक्ति यह नहीं समझ सके की दशमांश वर्ग क्या है, इसलिए आइए इसे समझें। राशि के अंशों के दस समान भाग करने पर जो वर्ग बनता है, उसे दशमांश कहते हैं। जन्म कुंडली के दसवें भाव से व्यक्ति का कर्म क्षेत्र जाना जाता है कि वह व्यापार करेगा या नौकरी। उसकी नौकरी या व्यवसाय बिना किसी रूकावट के चलता रहेगा या कोई परेशानी आएगी।

यदि दशमेश और दशम भाव में स्थित ग्रह दशमांश वर्ग में प्रबल हो, व्यक्ति को व्यवसाय में सफलता विशेष रूप से मिलती है। व्यक्ति व्यवसाय करेगा या नौकरी इसके लिए भी कुंडली में दशम भाव में स्थित ग्रह दशमांश कुंडली में स्थिर राशि और शुभ ग्रहों से युक्त होंगे, तभी सफलता मिलेगी। दशमांश के लग्न का स्वामी और लग्नेश दोनों एक ही तžव राशि के और शुभ हों।

इसके विपरित यदि दशम भाव स्थित ग्रह दशमांश कुंडली में चर राशि में स्थित हो और अशुभ ग्रहों से युक्त हों, तो व्यक्ति नौकरी करता है। दशमांश वर्ग, लग्न स्वामी और लग्नेश में परस्पर शत्रुता व्यवसाय में अस्थिरता लाती है। दशमांश में ग्रह विशेष शुभ हैं और कुंडली में भी ग्रह शुभ योगों में हैं, तो नौकरी हो या व्यापार दोनों में ही व्यक्ति उच्च कोटि का काम करता है। एक पदाधिकारी की कुंडली में नौकरी से संबंधित ग्रह उच्च कोटि में होंगे, तभी वह अधिकारी पद पर पहुंचता है। एक व्यापारी की कुंडली में व्यापार से संबंधित ग्रह दशमांश और कुंडली दोनों में शुभ स्थित में होते हैं।
-राजेश वर्मा

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