Monday 29 June 2009

Make up Myths


मेकअप करें पर...

मेकअप करने से पहले इस्तेमाल में आने वाली सामग्री की सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। आइए जानें मेकअप से जुड़ी कुछ भ्रान्तियों और सच्चाई के बार में-

भ्रान्ति
सिर में मेहंदी लगाने से बालों का प्राकृतिक रंग खत्म हो जाता है तथा बाल टूटने लगते हैं।
तथ्य
मेहंदी बहुत अच्छी कंडीशनर है। हमेशा अच्छी मेहंदी उपयोग में लाएं। लगाने से पहले मेहंदी को दो-तीन घंटे भिगोएं। यह भ्रान्ति गलत है कि मेहंदी लगाने से बाल टूटते हैं और प्राकृतिक रंग समाप्त हो जाता है।

भ्रान्ति
कच्चा दूध लगाने से चेहरे पर रोए पड़ जाते हैं।
तथ्य
यह पूरी तरह गलत है। कच्चे दूध से त्वचा दाग रहित व मुलायम होती है। चेहरे में कसावट आती है। कच्चे दूध में यदि नमक मिला लिया जाए, तो यह बेहतर क्लींजिंग का काम करता है।

भ्रान्ति
नेल पॉलिश से नाखून मजबूत होते हैं।
तथ्य
यह सच नहीं है। नेल पॉलिश लगी होने से नाखून को ऑक्सीजन नहीं मिलती और उन पर पीलापन आने लगता है। इससे बचने के लिए मेनीक्योर के बाद एक दिन नाखूनों को नेल पॉलिश रिमूवर से साफ करें।

भ्रान्ति
चेहरे पर ब्लीच करने से त्वचा पर कालापन आता है।
तथ्य
ब्लीच जल्दी-जल्दी नहीं करानी चाहिए। दो ब्लीज के बीच कम से कम तीन महीने का अंतर जरूर हो। इसे कराने के बाद धूप में भी न निकलें। बीच-पच्चीच मिनट बाद ही धूप में निकलें, जिससे चेहरे पर कालेपन की भ्रान्ति दूर होगी।

भ्रान्ति
लिपस्टिक लगाने से ऊपरी होंठ के बाल बढ़ जाते हैं।
तथ्य
यह भ्रान्ति पूर्णत: गलत है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हॉर्मोनल परिवर्तन के कारण कभी-कभी महिलाओं के ऊपरी होंठ पर बाल बढ़ जाते हैं। लिपस्टिक से ऎसा कुछ नहीं होता।

भ्रान्ति
फेशियल से चेहरे पर झुर्रियां पड़ जाती हैं।
तथ्य
यह भ्रान्ति गलत हैं। नियमित फेशियल चेहरे पर कसाव लाता है। बशर्ते यह अनुभवी विशेषज्ञ से निश्चित अन्तराल पर कराया जाए।

भ्रान्ति
अरीठा लगाने से बाल रूखे हो जाते हैं।
तथ्य
अरीठा की सही मात्रा बालों को मुलायम बनाती है। यदि अरीठा पाउडर में एक चम्मच मेथी पाउडर मिलाया जाए, तो बाल चमकदार बन जाएंगे, रूखेपन से जुड़ी भ्रान्ति पूर्णत: निरर्थक है।

Friday 26 June 2009

How Trustworthy You Are


विश्वास आपका
क्या आपको लगता है कि आप दूसरों के राज को सबको सामने खुली किताब की तरह रख देती हैं, तो आपको अपनी विश्वसनीयता को परखने की आवश्यकता है।

1. आपकी सहेली की बेटी घर पर नहीं है। इस बात का पता लगते ही आप-
क. सभी परिचितों को इस बारे में बता देंगी।
ख. इस बात को अपने तक ही सीमित रखेंगी।

2. आपकी पड़ोसिन सास की बुराई यह कहकर करती है कि किसी से कहना नहीं। तब आप-
क. इसकी चर्चा किसी से नहीं करेंगी।
ख. सहेली की सास को फौरन सबकुछ बता देंगी।

3. किसी भी काम को करने की तिथि निश्चित करने के बाद क्या आप-
क. उस काम को करती हैं।
ख. बहाना बनाकर टाल देती हैं।

4. आपके भाई-भाभी के बीच यदि किसी बात को लेकर तनाव होता है-
क. दोनों के रिश्ते को ठीक करने का प्रयास करेंगी।
ख. दोनों से एक-दूसरे की बुराई करके तनाव को बढ़ा देंगी।

5. ऑफिस में अन्य सहकर्मी को डांट पड़ने पर-
क. चुपचाप अपना काम करती रहेंगी।
ख. दूसरे सहकर्मियों को बुलाकर मजे लेती हैं।

6. हर छोटी-छोटी बात पर क्या दूसरों से सलाह लेती हैं-
क. हमेशा ही सलाह लेती हैं।
ख. जरूरत पड़ने पर ही लेती हैं।

7. क्या सामने वाले व्यक्ति को अपने बारे में कुछ बताने के बजाय उसके बारे में ज्यादा प्रश्न पूछती हैं-
क. हां
ख. नहीं


अंकतालिका
क्रमांक ---- क -- ख
1. ---------- 0 --- 5
2. ---------- 5 --- 0
3. ---------- 5 --- 0
4. ---------- 5 --- 0
5. ---------- 5 --- 0
6. ---------- 0 --- 5
7. ---------- 0 --- 5


परिणाम
- यदि आपने 30-35 अंक प्राप्त किए हैं तो इसका मतलब है कि आप पूर्णतया भरोसेमंद हैं और इस बात को आप अपने व्यवहार से साबित करती हैं।
- आपके अंक 15-30 हैं तो इसका अर्थ यह है कि आप विश्वसनीय बनने की कोशिश तो करती हैं पर पूरी तरह सफल नहीं हो पातीं। आपको अपने व्यवहार में सुधार लाने की आवश्यकता है। ऎसी हरकत करने से बचें जिससे किसी की भावनाएं आहत हों।
- यदि आपने 0-15 अंक पाए हैं तो फिर आप कतई विश्वसनीय नहीं हैं। आप दूसरों की भावनाओं के साथ अक्सर ही खिलवाड़ करती हैं, जो कतई उचित नहीं है। यदि आप चाहती हैं कि दूसरे आप पर विश्वास करें तो आपको भी स्वयं को विश्वसनीय सिद्ध करना होगा जो कि आप अपनी आदतों में परिवर्तन करके ही कर सकती हैं।

Thursday 25 June 2009

MEDIA MONOPOLY DEMOLISHED IN MP

Patrika with 5,75,000 readers (Latest IRS Interim report)
Challenges the leader in Bhopal & Indore
and leads over all the other players in the region, In just 6 months

Madhya Pradesh, the only state where monopoly existed in the Hindi belt of newspaper market has witnessed a sea change. The leader’s 50 years old monopoly has been finally demolished. Based on the latest issued figures by Indian Readership Survey Interim report for July- Dec 08, the recently launched newspaper; Patrika, which comes from Rajasthan Patrika Group has 5 lakh 75 thousand readers in Bhopal and Indore, this puts it neck to neck with the leading daily, in just six months.
Patrika enjoys a big lead over the rest of the players in Bhopal and Indore; in fact its readership is more than the numbers of both the 3rd and 4th major player in the state put together.

Elated National Head Marketing, Dr. Arvind Kalia states, “ It is truly a great moment for Patrika team. When we entered MP an year ago, we came with a commitment that we shall always maintain a high level of quality. I thank the readers and advertisers of MP who have shown their faith in the newspaper.”

Though the interim report is anyways not comparable with the full report, the indicators are very strong. The interim survey findings of Patrika are based on the readership of Bhopal on a major basis, as the Indore edition of Patrika was launched during the later part of the survey period. This signals the strong reach of Patrika in Bhopal and good results are expected in the full report.




It is interesting to compare what Bhaskar has achieved 50 in years, with what Patrika has achieved in just 6 months putting the leader in a defending position in Bhopal and Indore. Dainik Bhaskar is already witnessing a continuous decline in its readership of Bhopal and Indore editions, since IRS R2 07. From 20.85 lacs readers in R2 07, the readership has declined by 21% to 16.45 lacs, whilst the ad rates were always sky-high, because of which the CPT for the advertisers rocketed from Re.0.60 in R2 07 to Rs. 1.07 in R1 09 an increase of 78%!

The story of DB Star launch in MP seems contrary to that of Mumbai Mirror. Dainik Bhaskar adopted a similar strategy to defend its market share when Patrika’s launch in MP, but as per the interim IRS results, the readership of DB Star is 1.61 lacs, which is miniscule. Though Mumbai Mirror, which comes from TOI, is a hit, DB Star could not make it. Does it indicate towards a poor product?

Dr. Kalia says, “Bhopal and Indore together contribute to 74% of the total ad spends on the state of MP. Patrika is already on the way to capture the major share from advertisers in many sectors. To name a few, for the month of May 09 - Patrika has a 100% ad share of educational clients such as Resonance, FIT JEE, Asia Pacific, IT Bench, Gupta tutorials and many others in Indore. In Bhopal also, Patrika has ad share of more than 50% in segments like real estate, lifestyle, automobile and education.
Dr. Kalia adds, “The advertisers are getting a good response by choosing Patrika as their media vehicle.

Monday 22 June 2009

Handwriting Analysis


कुछ कहती है कलम

क्या आप जानते हैं कि लिखावट में थोड़ा सा बदलाव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। मुंबई की ग्रेफोलॉजिस्ट चंद्रप्रभा वी. पपला की मानें तो यह पूरी तरह संभव है। वे दे रही हैं इस काम को बखूबी अंजाम। चंद्रप्रभा मुंबई मे एक ग्रेफोलॉजिस्ट सर्विस चलाती हैं, जो अपने ग्राहकों की लिखावट का अध्ययन करती हैं और लिखावट में बदलाव के जरिए उनके व्यक्तित्व में बदलाव के सुझाव देती हैं। उनके ग्राहकों में आईबीएम और इस्पात जैसी कॉरपोरेट कंपनियां भी हैं, जो अपने कर्मचारियों की नियुक्ति से पहले उनकी लिखावट का अध्ययन चंद्रप्रभा से कराती है। फिर उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही उनकी नियुक्ति करके व्यक्तित्व के हिसाब से काम सौंपने का फैसला करती हैं। इन दो कंपनियों के अलावा कई अन्य छोटी-बड़ी कंपनियां और फर्म उनकी सर्विस से सेवाएं ले रही हैं।

तकदीर जुड़ी लिखावट से
चंद्रप्रभा 2004 से ग्रेफोलॉजिस्ट यानी लिखावट विशेषज्ञ के रूप में काम कर रही हैं। वे मनोचिकित्सक बनना चाहती थीं, लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो पाया। उन्होंने ग्रेफोलॉजी और मनोविज्ञान के बारे में किताबें पढ़ीं। अपनी मेहनत के दम पर अमरीका के इंटरनेशनल ग्रेफोलॉजी एसोसिएशन से उन्होंने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता का प्रमाण-पत्र हासिल किया। इसके बाद उन्होंने कैफे कॉफी डे में लोगों की लिखावट का विश्लेषण करना शुरू किया। इसके लिए वे हर ग्राहक से 50 रूपए लेती थीं और उनकी लिखावट देख कर उनके व्यक्तित्व के बारे में उन्हें बताती थीं। साथ ही लिखावट में मामूली बदलाव से व्यक्तित्व की कमियां दूर करने के सुझाव देती थीं। उनका यह अनुभव बहुत अच्छा रहा। हालांकि लोगों को उनके हुनर पर एकाएक विश्वास नहीं होता था। लोगों को विश्वास दिलाने के लिए वे उन्हें बताती थीं कि यह कला पूरी तरह वैज्ञानिक है और सटीक बैठती है।

करिश्मा हुनर का
चंद्रप्रभा को पहला बड़ा ब्रेक मिला 2006 में दिल्ली में हुए एक एचआर कन्वेंशन में। उस वक्त वे कुछ कॉरपोरेट्स के लिए फ्रीलांस ग्रेफोलॉजिस्ट के रूप में काम कर रही थीं। इस दौरान वे इन कंपनियों के मालिकों से मिलतीं और उन्हें अपने हुनर के बारे में जानकारी देतीं। आईबीएम और इस्पात के अघिकारी उनके हुनर से बहुत प्रभवित हुए। आज वे अपनी एक कंपनी सीजीएस चलाती हैं और कई कंपनियों को सेवा देती हैं। उनकी फीस 3000 से 25000 रूपए तक है। यह फीस व्यक्तियों और कंपनियों के लिए अलग-अलग है। उनकी फर्म की सबसे अनूठी सर्विस है हस्ताक्षर डिजाइनिंग।

उनका दावा है कि यह बहुत सही और सकारात्मक परिणाम देने वाली सर्विस है, जो ग्रेफोलॉजी के मूल सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें हस्ताक्षर मे बदलाव के जरिए व्यक्तित्व और काम में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इसके अलावा उनकी कॉर्पोरेट सर्विस में स्ट्रेस मैनेजमेंट और कंपनियों के मानव संसाधन विभाग के लोगों के लिए लिखावट के विश्लेषण से संबंघित प्रशिक्षण भी शामिल हैं। मुंबई में जंबों किंग वड़ा पाव चेन चलाने वाले धीरज गुप्ता ने अपनी कंपनी कालोगो उनसे डिजाइन कराया और खुद ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। आज वे न सिर्फ अपने काम बल्कि खुद मे भी काफी बदलाव महसूस कर रहे हैं।

लिखावट बदलती है व्यक्तित्व
चंद्रप्रभा बताती हैं कि लिखावट के विशलेषण का अपना विज्ञान है। जैसे अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर-टी- को लिखने के करीब 50 अलग-अलग तरीके हैं। हम इनमें से तीन-चार तरीके ही जानते हैं और काम में लेते हैं। कोई भी स्ट्रोक नकारात्मक या सकारात्मक नहीं होता। जब आप अपने व्यवहार में बदलाव चाहते हैं, तब हम आपको अपनी जरूरत के हिसाब से स्ट्रोक में बदलाव करने की सलाह देते हैं। इसके लिए करीब 45 दिन तक हर रोज दो-तीन पेज का अभ्यास कराया जाता है। जब आप अभ्यस्त हो जाते हैं, तो यह बदलाव आपकी लिखावट में शामिल हो जाता है। इसके लिए प्रेक्टिस बुक और पढ़ने की सामग्री भी दी जाती है। चंद्रप्रभा किसी भी भाषा में काम कर सकती हैं, पर वे रोमन लिपि में ही ज्यादा काम करती हैं क्योंकि ग्रेफोलॉजी का पूरा विकास इसी लिपी में हुआ है। ग्रेफोलॉजी में अक्षर की बनावट, आकार, स्पेस, रिदम, दो अक्षरों, शब्दों और पंक्तियों के बीच का स्पेस आदि कई आधार पर विशलेषण किया जाता है।

Friday 19 June 2009

Build your Decision making Skills


कितना है आप में डिसीजन पावर

कुछ लोग बडे कन्फ्यूज रहते हैं। निर्णय लेने में कच्चे होते हैं। समझ नहीं पाते कि क्या करें और क्या न करें। आप भी उनमें से एक हैं, अगर हां, तो गौर कीजिए इन डिसीजन मेकिंग स्किल्स पर और बन जाइए निर्णय लेने में स्मार्ट एंड फास्ट।
- शुरूआत छोटे मुद्दों पर फैसला लेने से करें।
- फैसला लेते समय अपनी आंखें बंद करें और उसके बारे में सोचें।
- आप ऎसा फैसला ले रहे हैं जिसमें दूसरे लोग शामिल हैं, तो सलाह जरूर लें।
- यदि फैसला महत्वपूर्ण है, तो उसमें समय खर्च करने से न घबराएं।
- इस बात की चिंता न करें कि आपका फैसला गलत होने के बाद लोग क्या कहेंगे।
अभ्यास करें
कोई भी फैसला लेने में कठिनाई तब आती है जब हम छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हैं। इसलिए छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न दें। शुरूआत छोटे मुद्दों पर फैसला लेने से करें।
प्राथमिकमताएं तय करें
हर फैसले में यह फैक्टर जरूरी होता है। फैसला लेते समय अपनी आंखें बंद करें और उसके बारे में सोचें। इस दौरान बाकी सभी चीजों को भूल जाएं।
सलाह लें
यदि आप ऎसा फैसला ले रहे हैं जिसमें दूसरे लोग शामिल हैं, तो सलाह जरूर लें। उदाहरण के लिए आप ऎसा सोचते हैं कि आपके कॉम्पलैक्स का इंटरकॉम सिस्टम बेकार है और उसे बदलने की जरूरत है, तो आप अकेले यह फैसला नहीं कर सकते। आपके बिल्डिंग के अन्य सदस्यों से भी यह बात करनी पड़ेगी। अपनी मैनेजिंग कमेटी के समक्ष यह प्रस्ताव रखने की पहल आप करें। उन्हें कारण बताएं कि बिल्डिंग को नए इंटरकॉम की आवश्यकता क्यों है। इस तरह आप एक कॉमन डिसीजन ले सकते हैं।
विकल्प तलाशें
जितना हो सकें प्रेक्टिल विकल्प ढूंढ निकालें। यदि फैसला महत्वपूर्ण है, तो उसमें समय खर्च करने से न घबराएं। सभी विकल्पों को ध्यान से देखने के पश्यात उनमें से उत्तम को चुनें।
जिम्मेदारी लें
कभी भी इस बात की चिंता न करें कि आपका फैसला गलत होने के बाद लोग क्या कहेंगे।

Monday 15 June 2009

Strong and long Hairs


रेशमी जुल्फें
आपके बाल आपकी खूबसूरती को देते हैं नया अंदाज। तो फिर क्यों न करें इनकी खास देखभाल। इसके लिए हम लाएं हैं आपके लिए इस बार विशेष सामग्री।
क्या आप नहीं चाहतीं कि आपके बाल घने, लंबे, चमकदार और स्वस्थ रहें। इसके लिए अपनी दिनचर्या, भोजन, व्यायाम नींद, मानसिक स्थिति आदि पर ध्यान दें।
भोजन
स्वस्थ और सुंदर बालों के लिए भीतरी पोषण बेहद जरूरी है। इसलिए आपके भोजन में विटामिन बी, बी-कॉम्पलैक्स, विटामिन सी, ड़ी, ई, कैल्शियम, आयोड़ीन, फॉस्फोरस, आयरन इत्यादि अवश्य लेने चाहिए। ये पोषक तत्व दूध, दही, पनीर, मक्खन, गाजर, टमाटर, पालक, नीबू, आंवला, खजूर, आम, संतरा, सेब आदि में भरपूर मात्रा में होते हैं।
पाचन अच्छा रहे
बालों की सुरक्षा के लिए यह भी जरूरी है कि आपका पाचन ठीक रहे और कब्ज न हो। तली हुई चीजें, मिठाई आदि का सेवन कम मात्रा में करें व हरी सब्जी, फल व सलाद खूब खाएं और अघिक से अघिक पानी पीएं।
मालिश
- खुश्क बाल देखने में पतले और निस्तेज होते हैं। इसलिए रूखे बालों में हफ्ते में दो बार सिर धोने से पहले गुनगुने तेल से मालिश करनी चाहिए। थोड़ा सा जैतून का तेल गर्म करके उंगलियों के पोरों से बालों की जड़ में लगाएं।
- तैलीय बालों में अघिक चिकनाई के कारण धूल अघिक जमती है। मैल से तेल ग्रंथियों के छिद्र बंद हो जाते हैं। अत: ऎसे बालों मे ठंड़े पानी में एक नीबू निचोड़ कर उंगलियों के पोरों से मालिश करें।
- सामान्य बालों में नारियल के तेल में थोड़ा सा जैतून का तेल और थोड़ा सा नीबू का रस मिलाकर गुनगुना करके उंगलियों के पोरों से कम से कम पंद्रह मिनट मालिश करें।
व्यायाम
शरीर के अन्य अंगों की तरह बालों के लिए व्यायाम भी बहुत जरूरी है। इसके लिए मालिश के बाद बालों की मुटी में भर कर धीरे से खींचे और लटों को उंगलियों पर लपेट कर धीरे-धीरे ऎंठें।
यूं करें कंघी
रात को सोने से पहले मुलायम ब्रश या मोटे दांत के कंघे से ऊपर से नीचे की ओर कंघी करें। इससे बालों का व्यायाम तो होगा ही साथ ही दिन भर के गंदे बाल भी साफ हो जाएंगे।
शैम्पू
- खुश्क बालों के लिए रीठा, शिकाकाई, आंवला-चूर्ण का प्रयोग बेहतर रहता है।
- तैलीय बालों के लिए नीबू युक्त शैम्पू का प्रयोग करें।
- सामान्य बालों के लिए किसी भी अच्छी कंपनी का मृदृ शैंपू प्रयोग में लाएं। शैंपू के बाद बालों को पानी से अच्छी तरह धोना न भूलें। धोने के बाद बालों को हल्के हाथ से मुलायम तौलिए से धीरे-धीरे पौंछे और उन्हें प्राकृतिक रूप से सूखने दें।

Thursday 11 June 2009

The Rejuvenating mantra


थकान भगाएं

लगातार एक ही काम करने से ज्यादा थकान होती है। इसलिए एक ही कार्य न कर बीच-बीच में थोड़ा आराम करें चाहे वह आराम 5 से 10 मिनट तक का ही क्यों न हो।
* थकान दूर करने के लिए जरूरी है गहरी नींद। थकान तब ज्यादा अनुभव होती है जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते। इसलिए रात को देर तक न जागें। समय पर सो जाएं और अच्छी और गहरी नींद लें। नींद शरीर की विश्रामावस्था है। अगर शरीर को विश्राम नहीं मिलेगा तो वह पुन: काम करने के लिए कैसे तैयार होगा। इसलिए पर्याप्त नींद लें। अगर आप हॉउसवाइफ हैं, तो दिन में भी भोजन के उपरांत थकावट दूर करने के लिए एक ड़ेढ़ घंटे की नींद ले लें।
* सुबह नाश्ता अवश्य करें। कई लोग जल्दी में नाश्ता तक नहीं करते। इससे वे अधिक थकान महसूस करते हैं। सारी रात भूखे रहने के पश्चात् सुबह शरीर को एनर्जी भोजन देता है इसलिए सुबह भारी नाश्ता लें। भोजन करने के पश्चात् आपके पास सारा दिन कार्य करने की एनर्जी आएगी और आप चुस्ती से काम करेंगे। अगर आपके शरीर में एनर्जी नहीं होगी तो आप आलस्य और थकान महसूस करेंगे।
* सुबह सैर करें और नियमित व्यायाम करें। शरीर को चुस्त और मन को प्रसन्न रखने का यह सबसे आसान तरीका है। कोई भी आसान व्यायाम जैसे सुबह प्रकृति के समीप टहलना, तैराकी, जòागिंग जो भी अच्छा लगे, वह करें। इससे आपकी थकान दूर भाग जाएगी।
* थकान दूर भगाने में मालिश एक कारगर उपाय है। इससे शरीर को आराम मिलता है। रात को सोने से पूर्व हल्की मालिश करें।
* थकान दूर करने के लिए आप योग और मेडिटेशन का सहारा भी ले सकते हैं। इससे आपके तन को विश्राम और मन को शांति मिलेगी।
* अपने कार्य को जितना व्यवस्थित रखेंगे, उतना ही थकान कम महसूस करेंगे। हर वस्तु को यथास्थान रखें ताकि उसे ढ़ूंढ़ने में हुए परिश्रम से बच सकें और थकावट महसूस न करें। इस प्रकार जब आपके सभी काम व्यवस्थित होंगे तो आप आराम और सहूलियत महसूस करेंगे।
* संतुलित, पोषक तत्वों से युक्त भोजन लें। किसी पोषक तत्व की कमी आपको थकान या कोई रोग भी दे सकती है। भोजन में लौह तत्व, हरी सब्जियों, फलों, अनाज, सीफूड़ और आइरन के स्रोतों को सेवन करें।
* थकान आपको न हो, इसके लिए आप सकारात्मक भावनाओं को अपने जीवन का अंग बनाएं। नकारात्मक भावनाएं जैसे तनाव, चिंता, ड़र, ईष्र्या आदि विचार व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा को तो नष्ट करते ही हैं साथ ही ऎसी भावनाएं व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव ड़ालती हैं। इसलिए आशावादी और हंसमुख बनिए।
* थकान दूर भगाने का एक तरीका है कि आप कोई हॉबी अपना लें। जब भी थकान महसूस करें, सब काम छोड़ उस हॉबी में एकाग्रचित हो जाएं। आपकी सारी थकान छूमंतर हो जाएगी।
* अपने आप को अगर अपने दोस्तों, परिवार के साथ व्यस्त रखेंगे तो कम थकान अनुभव करेंगे, क्योंकि उनका अपनापन और प्यार आपको ताजगी महसूस कराता रहेगा।

Tuesday 9 June 2009

Mole and your personality


गोरे चेहरे पर
तिल हमारे व्यक्तित्व की भी पहचान कराते हैं। शरीर पर इनका रंग, आकार और स्थान कुछ हद तक भाग्य के बारे में भी बता देते हैं।
गोरे चहरे पर काला तिल हो तो किसी की भी सुन्दरता में चार चांद लग सकते हैं। पर सुंदरता के साथ-साथ यही तिल कहीं न कहीं हमारे व्यक्तित्व की पहचान भी कराते हैं। इनका रंग, आकार और स्थान हमारे भाग्य के बारे में भी बताते हैं। आइए जानें क्या बताते हैं ये तिल-
- गहरे रंग का तिल बाधाओं को दर्शाता है।
- ऎसा माना जाता है कि शरीर पर लाल रंग के तिल पूर्व जनम में आपको लगी चोट के निशान होते हैं।
- हल्के रंग के तिल आपकी सकारात्मक और नकारात्मक विशेषताओं को दर्शाते हैं।
- बड़े तिल शगुन को बढ़ाते हैं।
- जिस तिल पर बाल होते हैं उन्हें अच्छा नहीं माना जाता।
तिल की जगह और आपका व्यक्तित्व
ललाट- दाई तरफ का तिल विलक्षण प्रतिभाऔं को दर्शाता है। बाई तरफ का तिल फिजूलखर्ची को और मध्य का तिल प्रेमियों के लिए भाग्यशाली होता है।
गाल पर- दाएं तरफ का तिल स्वस्थ वैवाहिक जीवन की निशानी है।
होंठ- विलासिता की निशानी।
ठोड़ी- संतुष्ट और सफलता का चिह्न माना जाता है।
कान- गंभीरता और विचारशील व्यक्तित्व को दर्शाते हैं।
आंख- ऎसे व्यक्ति मितव्ययी होते हैं।
पलक- अंतर्मुखी और संवेदनशीलता की निशानी है।
आंख के अंदर- ऎसे लोग भावुक होते हैं।
भौहें- दाई तरफ का तिल खुशहाल वैवाहिक जीवन की निशानी है।
मुंह- मुंह के पास में जिसके तिल होता है शादी के बाद उनके भाग्य का उदय होता है। ऎसे लोग धनी होते हैं।
नाक- सफलता और उन्नति की निशानी है।
जबड़ा- शारीरिक रूप से कमजोर।
गर्दन- ऎसे व्यक्ति भरोसेमंद दोस्त होते हैं।
गुद्दी- परिश्रमी लोग होते हैं।
कंधा- जिन लोगों के दाई तरफ तिल होता है वह दृढ़ संकल्पी होते हैं। जिनके बाई तरफ तिल होता है उन्हें गुस्सा जल्दी आता है।
बांह- उत्सुकता इनके व्यवहार में होती है।
कलाई- ऎसे लोग बुद्धिमान और प्रतिभाशाली होते हैं।
कमर- ऎसे लोग रोमांटिक होते हैं।
पेट- सुस्त और स्वार्थीपन को दर्शाता है।
कोहनी- ऎसे लोग विद्वान होते हैं।
नाभि- मनमौजी और मूड़ी मिजाज।
कमर- जिसके दाई तरफ तिल होता है वह व्यक्ति वफादार और ईमानदार होता है।
घुटने पर- इन लोगों का वैवाहिक जीवन सुखी होता है।
पांव- लापरवाह को दर्शाता है।
टखने- ये व्यक्ति स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं।

Thursday 4 June 2009

Healthy Diet:Warm and cool do not make a good combination

ठंड़ा और गर्म

नए-नए खाद्य पदार्थो और पेय पदार्थो के आकर्षक विज्ञापन देख लोग उनसे प्रभावित होते हैं और उनका सेवन करने लगते हैं। चाहें वे स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले ही क्यों न हों। पाश्चात्य सभ्यता, फास्ट फूड़ और कोला कल्चर के प्रभाव से आजकल लोग आहार की गुणवत्ता की अपेक्षा स्वाद पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। इसी वजह से लोग उन सुखादु व्यंजनों को खाना पसंद करते हैं, जो स्वादिष्ट, चटपटे और विविध प्रकार के स्वाद वाले हों। मीडिया मे नित नए-नए खाद्य पदार्थो और पेयों के आकर्षक विज्ञापन देखकर लोग उनसे प्रभावित होत हैं और उनका सेवन करने लगते हैं, चाहे वे स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले ही क्यों न हों।

समय परिवर्तन और जीवनशैली में बदलाव के कारण आजकल आहार-विहार में बहुत सी विकृतियां आ गई हैं। चाउमीन, पिज्जा, भेलपुरी, छोले भटुरे साथ में कोल्ड़ ड्रिंक और आइसक्रीम यानी गर्म के साथ ठंड़े का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह शरीर के लिए हानिकारक है। इस तरह गर्म पर ठंड़े के प्रयोग से आमाशय में उत्पन्न पाचक रसों मे विकार आ जाता है। इससे भोजन से जो ऊर्जा मिलनी चाहिए वह भी नहीं मिलती। अपाच्य भोजन आमाशय और आंतों में ही पड़ा रहता है, जिससे मंदागि्न, कब्जी, गैस आदि विभिन्न पाचन संबंधी रोगों की संभावना रहती है। इन सबके अतिरिक्तमोटापा भी बढ़ता है।