Thursday 28 May 2009

Vaastu for your kitchen

आपका रसोईघर

किसी भी भवन में रसोईघर का स्थान महत्वपूर्ण होता है, वास्तुसम्मत रसोईघर कैसा हो, ज्योतिषीय विश्लेषण से जानें।
प्राचीनकाल में रसोईघर प्राय: घर के बाहर सुविधानुसार और वास्तु सम्मत स्थान पर होता थी। तब रसोईघर में इतने सुविधाजनक संसाधन भी नहीं होते थे, जो आधुनिक युग में रसोईघर में प्रयोग होते हैं। डाइनिंग हाल यानी भोजन कक्ष भी तब रसोईघर से जुडा हुआ नहीं होता था। ऎसा होने का प्रमुख कारण यह भी था कि भूखंड का आकार प्राचीनकाल में बहुत ही बडा होता था। लेकिन आधुनिक परिवेश में भूखंडों का आकार सीमित होने, फ्लैट सिस्टम और आधुनिक संसाधनों का प्रयोग बढने से रसोईघर के आकार में वृद्धि हो गई है। वास्तुशास्त्र के अनुसार रसोईघर और इसमें काम आने वाली वस्तुएं किस स्थान पर होना शुभ फलदायी हैं, इस जानें।

रसोईघर का महत्व : रसोईघर सम्पन्नता का प्रतीक है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें खाना पकाया जाता है। खाने से शक्ति और स्फूर्ति मिलती है। भोजन स्वास्थ्य की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। कहावत भी है- "जैसा अन्न वैसा मन" इसीलिए रसोईघर भवन का एक महत्वपूर्ण अंग है।
किस दिशा में हो रसोईघर : रसोईघर भवन या फ्लैट के दक्षिण-पूर्व कोने में बनाएं। उतर-पूर्व में रसोईघर मानसिक परेशानियां बढाता है। इसके दक्षिण-पश्चिम में होने से जीवन कठिन हो सकता है। रसोईघर शयनकक्ष, पूजाघर या शौचालय के पास नहीं हो, इसका ध्यान रखें।
द्वार : रसोई का दरवाजा यदि उतर या उतर-पश्चिम में हो तो उतम रहता है। दरवाजा चूल्हे के सामने नहीं हो। इससे ची (ऊर्जा) स्वतंत्र रूप से अंदर प्रवेश नहीं कर पाती है। चूल्हा रखने का स्लैब पूर्व दिशा की ओर हो, ताकि खाना पकाने वाले का मुंह पूर्व दिशा की ओर रहे।
गैस चूल्हा : चूल्हा ऎसी जगह रखें जिससे बाहर से आने-जाने वाले पर नजर रखी जा सके। चूल्हा पूर्व की दीवार के पास रखें, ताकि हवा व रोशनी पर्याप्त मात्रा में मिल सके।
माइक्रोवेव ओवन : माइक्रोवेव ओवन में लगातार बिजली का प्रवाह होता रहता है। इसलिए इसे दक्षिण पूर्व में रखें। इसको दक्षिण-पश्चिम में भी रख सकते हैं। यह क्षेत्र शक्ति और संबंधों का भी प्रतीक है। संबंधों में सुधार की दृष्टि से यह हितकर है।
फ्रिज: फ्रिज पश्चिमी क्षेत्र में रखें। यहां पर यह सम्पन्नता व संबंध मजबूत बनाने में सहायक रहता है। शांति व व्यावहारिकता में भी वृद्धि होगी।
सिंक : रसोईघर में पानी तथा चूल्हा आवश्यक तत्व हैं। जहां आग का स्थान दक्षिण-पूर्व है, वहीं पानी का स्थान उतर-पूर्व है। पानी का उतम स्थान उतर दिशा ही है, जो जल तत्व को दर्शाती है। आग व पानी को अलग-अलग रखना आवश्यक है। इसे एक लाइन में नहीं रखें। यदि ऎसा संभव न हो, तो बीच में दो फीट की दीवार लगा दें।
एग्जॉस्ट फेन : रसोईघर की प्रदूषित वायु और धुएं को बाहर निकालने के लिए एग्जॉस्ट पंखा लगाते हैं। इसे पूर्व, उतर या पश्चिम दिशा में लगवाएं।
अन्य सामान : डाइनिंग टेबल उतर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में रखें। रसोईघर में भारी सामान भी इसी दिशा में रखा जा सकता है। उतर या पूर्व दिशा को हल्का व साफ-सुथरा रखें।

Monday 25 May 2009

Judge your Personality with help of Lemon

नीबू और व्यक्तित्व
नीबू को देखकर मुंह में पानी आना स्वाभाविक है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि यही पानी आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बता सकता है। आप किस तरह के व्यक्तित्व की धनी हैं- नीबू की एक बूंद जीभ पर डालिए और जान लीजिए।

रैटीक्यूलर एक्टीवेटिंग सिस्टम
यही सिस्टम हमारे व्यक्तित्व का राज खोलता है। खाने को देखकर हमारे मुंह में कितना पानी आएगा यह इसी सिस्टम पर निर्भर करता है। मुंह में बनने वाली लार की मात्रा को यही सिस्टम नियंत्रित करता है। इसकी कार्यविधि पर ही हम खाना खाने के लिए और सामाजिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित होते हैं।

अंतर्मुखी और बहिर्मुखी
वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग अंतर्मुखी होते हैं उनका रैटीक्यूलर एक्टीवेटिंग सिस्टम अधिक प्रभावी होता है और इसलिए ही उनमें किसी भी खाने की चीज को देखकर विशेष रूप से नीबू को देखकर बहुत ज्यादा लार बनती है। कुछ भी खाने पर तो इसकी मात्रा और ज्यादा बढ जाती है। दूसरी तरफ जो लोग बहिर्मुखी होते हैं उनके मुंह में लार कम बनती है क्योंकि उनका आरएस सिस्टम तुलनात्मक दृष्टि से कम प्रभावी तरीके से काम करता है।

आप कैसे हैं
अंतर्मुखी या बहिर्मुखी यह ऎसे जानें-
- नीबू का रस
- किचन स्केल्स
- रूई के फाहे

ऎसे करें
- अपनी जीभ पर बूंद भर नीबू का रस टपकाएं और 10 सैकंड तक पूरे मुंह में इसका स्वाद लें।
- अब रूई के फाहों से जीभ की सारी लार समेट लें।
- इसके बाद किचन स्केल पर उन रूई के फाहों को रखें और प्रत्येक का वजन देखें।

अगर औरों की तुलना में आपका रूई का फाहा भारी है, तो आप अंतर्मुखी हैं और आपका रूई का फाहा दूसरों से हल्का है, तो आप बहिर्मुखी हैं। फाहे का हल्का या भारी होना लार की मात्रा पर निर्भर करता है। वैज्ञानिकों ने अपनी जांच के जरिए इस बात का खुलासा किया है कि बहिर्मुखी लोगों की तुलना में अंतर्मुखी लोगों में 50 प्रतिशत ज्यादा लार उत्पन्न होती है।
Lemon and your Personality

Friday 22 May 2009

GYM Terminology


जिम शब्दावली
इस नए जमाने में जिम का फैशन आसमान छू रहा है। वहां आपको कई नई मशीनों और रोज काम आने वाले नए शब्द मिलेंगे। कुछ जानकारियां इस तरह हैं।
एब्स- पेट की मांसपेशियों को कहते हैं।
एरोबिक- एक लय में हाथ व पैरों से किया गया व्यायाम।
मसल्स- मांसपेशियां।
सेंट्रल नर्वस सिस्टम- केंद्रिय नाडी तंत्र।
बेंच प्रेस- लेटकर बार पर वजन उठाना।
वॉर्मअप- व्यायाम शुरू करने से पहले शरीर में गर्मी लाने के लिए किया गया हल्का-फुल्का व्यायाम।
ट्रेड मिल- एक ऎसी मशीन जिस पर एक जगह ही खडे होकर चला जाता है।
बारबेल- हाथों से लटक कर किया जाने वाला व्यायाम।
डम्बल्स- हाथों के व्यायाम का एक उपकरण।
सिट अप्स- सिर को ऊपर उठाकर पेट की तरफ ले जाना।
बाईसेप्स- बाहों की मांसपेशियों को कहते हैं।
पुलअप- वजन को कंधे के ऊपर ले जाना।
काल्व्स- कंधे और गर्दन के बीच की मांसपेशियों को कहते हैं।
डेडलिफ्ट्स- वजन को उठाकर सीने के सामने करते हुए पेट तक ले जाना।
ओवर हैड प्रेसेस- वजन को सिर से ऊपर तक ले जाना।
ग्रिप- हाथों की पकड।
मेडिसिन बॉल- उंगलियों की कसरत के लिए एक प्रकार की गेंद।
चिनअप- ठुड्डी को ऊपर करना।
पुल बॉडी वर्कआउट- शरीर को खींचने का व्यायाम।
लाइट वेट- साठ किलो से कम का वजन उठाने का व्यायाम।
हैवीवेट- 75 किलो से अधिक वेट उठाने का व्यायाम।
एक्सरसाइज- व्यायाम।
बार- वजन उठाने की छड।
वर्कआउट- जिम में व्यायाम का पूरा सत्र।
एक्सरसाइज बैण्ड्स- वजन उठाने वाला व्यायाम करते समय मांसपेशियों में खिंचाव न आए इसलिए इलास्टिक की पियां विभिन्न अंगों पर लगाई जाती हैं।,
its all about the gym n gym eqipments and gym terminology

Tuesday 19 May 2009

yummy food facts

यम्मी फूड फैक्ट!

बैलेंस्ड डाइट क्या है, इसका खुलासा मुश्किल है। खैर इसकी तह में जाने के बजाय क्यों न भोजन संबंधी मजेदार फैक्ट्स के बारे में जानें।
यह स्वाद है बिंदास

स्वाद की कहानी जायकेदार मसालों से शुरू होती है। मध्यकालीन यूरोप में काली मिर्च, लौंग, अदरक, जायफल जैसे गरम मसालें बहुतायत में मिलते थे। 15वीं सदी तक वेनिस का एकाधिकार इन पर बना रहा। मसालों में केसर या जाफरान सबसे महंगा है। लगभग एक पौंड केसर तैयार करने के लिए 70 हजार से लेकर ढाई लाख तक फूलों की जरूरत होती है। प्राचीन मिस्त्र और रोम में इनका प्रयोग परफ्यूम में और डाई के लिए किया जाता था। सातवीं सदी में केसर चीन पहुंचा और बाद में पूरे यूरोप में इसका प्रयोग होने लगा। आज सबसे ज्यादा केसर आयात करने वाले देश हैं ईरान और स्पेन। वैसे भारत के अलावा इसका प्रयोग मिस्त्र, मोरक्को और टर्की में किया जाता है।
सब्जियों में सबसे आम आलू, प्याज और टमाटर सब्जियों की जान हैं। विश्व में सर्वाधिक व्यापक पैमाने पर आलू और टमाटर की ही खेती होती है, लेकिन सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है प्याज। मिस्त्र में करीब पांच हजार वर्ष पूर्व से प्याज सब्जियों में सबसे आम था। यूरोप में भी इसका प्रयोग सबसे आम था। टमाटर लगभग हर रसदार सब्जी में पडता है। लेकिन क्या आप जानते हैं किएक टमाटर से शरीर की विटमिन सी की अस्सी फीसदी तक आवश्यकता पूरी हो जाती है।

कूल-कूल नारियल पानी

नारियल पानी न सिर्फ गर्मी में राहत देता है, बल्कि इसे ब्लड प्लाज्मा के विकल्प के तौर पर भी प्रयोग किया जा सकता है। हरे नारियल में मिलने वाले पानी का पीएच स्तर बहुत आदर्श होता है। यह जीवाणुरहित होता है। इसलिए इसे इमरजेंसी में शरीर में प्लाज्मा के बतौर चढाया जाता है।

वाओ चॉकलेट!

ए गिफ्ट फॉर समवन यू लव... सचमुच चॉकलेट खाने से शरीर में वैसे ही केमिकल्स का स्त्राव होता है, जैसा कि तब होता है, जब आप रोमांटिकमूड में होते हैं। चाय, कॉफी या कोका कोला की तुलना में चॉकलेट में कैफीन कम है। एक औंस की चॉकलेट बार में करीब 6 मिलीग्राम कैफीन होता है तो 5 औंस कॉफी में 40 मिलीग्राम। चॉकलेट में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स कैंसर और ह्वदय संबंधी रोगों से बचाते हैं। इंग्लैंड में 1842 में कैडबरी ने विश्व की पहली चॉकलेट बार बनाई। हालांकि संसार में सर्वाधिक चॉकलेट खाते हैं स्विस लोग। चॉकलेट निर्माता पूरे विश्व की 20 फीसदी मूंगफली व 40 फीसदी बादाम का प्रयोग करते हैं।

आइसक्रीम मोल्ड

आइसक्रीम मोल्डका आविष्कार सैन फ्रांसिस्को के 11 वर्षीय लडके फ्रैंक ने गलती से किया था। 1911 में उसने एक रात स्टर स्टिक के साथ सोडा पाउडर और पानी को मिला कर पोर्च में छोड दिया। उस रात वहां तापमान में रिकॉर्ड गिरावट हुई। अगली सुबह जागने पर उसने पाया कि मिश्रण स्टिक में फ्रीज हो कर आइसक्रीम में बदल चुका था। उसने इसे एप्सिकल कहा। 18 वर्ष बाद उसने इस आविष्कार को पेटेंट कराया और पोपस्किल नाम दिया।

थोडा केचअप ट्राई करो

केचअप यानी गाढे सॉस की शुरूआत हुई थाइलैंड से। 1830 में इसकी बिक्री दवा के बतौर होती थी। इसे बनाने में विश्व में नंबर वन है स्वीडन, दूसरे नंबर पर है ऑस्ट्रेलिया।

Tuesday 12 May 2009

Mr.Smart


मिस्टर स्मार्ट
व्यायाम व्यक्ति को चुस्त और फुर्तीला बनाता है। अत: कुछ समय निकालिए अपने शरीर को आकर्षक बनाने के लिए।
शक्ल सूरत पर तो अपना जोर नहीं पर उसे आकर्षक बनाना आपके हाथ में है। बस आपको कुछ ध्यान देने की आवश्यकता है-अपने व्यवहार, पहनावे और बात करने के अंदाज पर।
जॉगिंग बनाए फुर्तीला
व्यायाम मनुष्य को चुस्त और फुर्तीला बनाता है। अत: कुछ समय निकालिए अपने शरीर को आकर्षक बनाने के लिए। सुबह जॉगिंग पर निकल जाइए और कुछ समय व्यायाम में लगाइए, तो आप पाएंगे कुछ ही दिनों में स्वयं को फुर्तीला।
भरपूर नींद से आए चमक
सुबह तरोताजा उठने के लिए नींद पूरी लें। प्रयास करें कि रात्रि में समय पर सोएं और प्रात: समय पर उठें। यदि आपकी नींद पूरी होगी तो चेहरा और शरीर फ्रेश लगेगा। 6 से 7 घंटे की नींद अवश्य लें। कोशिश करें कि रात में कम्प्यूटर पर न बैठें ना ही देर रात तक टीवी प्रोग्राम देखें क्योंकि ये दोनों चीजें आंखों को थका देती हैं और समय का कुछ पता भी नहीं लगने देती।
भाषा भी जगाए आशा
स्मार्ट दिखने के साथ-साथ अपनी भाषा में शालीनता लाएं। तहजीब और अच्छे संस्कार का होना भी आकर्षक व्यक्तित्व के लिए आवश्यक है। लोगों, परिवार या दोस्तों के बीच कायदे से ही रहें। कायदा खिलाफी आपको हंसी का पात्र बना सकती है, जो आपके स्मार्ट व्यक्तित्व पर धब्बे का काम कर सकता है। प्रतिदिन स्त्रान करने के बाद थोडा डियो का प्रयोग करें ताकि आपकी पसीने की दुर्गन्ध दूसरों को बोर न करे। साफ-सुथरे वस्त्र पहनें और जूते, जुराब पर भी ध्यान दें।
सफाई से स्मार्टनेस
अपने शरीर की सफाई के साथ-साथ अपने नाखून भी ठीक-ठाक काट कर रखें। पुरूषों के लिए प्रतिदिन दाढी बनाना भी उनके आकर्षक दिखने के लिए जरूरी है। दाढी बनाने के बाद भीनी खुशबू वाला आफ्टर शेव लोशन लगाना न भूलें।
बालों का कमाल
स्मार्ट दिखने के लिए अपने बालों को नजरअंदाज न करें। माह-डेढ माह के बीच बालों को अच्छे पाल्रर से कटवाएं और हैड मसाज करवाना न भूलें। पुरूषों को भी फेशियल की आवश्यकता होती है ताकि चेहरे की त्वचा ढीली न पडे। आप चाहें तो आकर्षक लगने के लिए अपनी आंखों की भौहों को सही आकार भी दिलवा सकते हैं।
वस्त्र भी चमकाएं व्यक्तित्व
जो भी वस्त्र पहनें, ध्यान दें, उनकी फिटिंग अच्छी हो ताकि आप वस्त्रों में चुस्त दिख सकें न कि ढीले-ढीले। जूते, सैंडिल, जूती या चप्पल किन वस्त्रों से मेल खाते हैं, ध्यान दें। कुरते, चूडीदार, पायजामे के साथ यदि आप जूते पहनेंगे तो आप हंसी का पात्र बन जाएंगे।

Smart Sofa interior


ड्रॉइंगरूम की शान
आपका घर अगर छोटा है, तो बाजार से खरीदने के बजाय सोफे को जगह के अनुसार बनवाना सुविधाजनक रहता है।
आज बाजार में हर तरह के बेहतरीन डिजाइन के सोफे मौजूद हैं, तो आपको ड्रॉइंग रूम की शोभा बढाते हैं। बस, जरूरत है सोफे खरीदते व सजाते समय कुछ विशेष बातों का ख्याल रखने की।
जगह का चयन
सोफा खरीदते या बनवाते समय उपलब्ध स्थान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आपका घर यदि छोटा है, तो बाजार से खरीदने की बजाय सोफे को जगह के अनुसार बनवाना सुविधाजनक रहता है। ड्रॉइंग रूम बडा है, तो डबल सोफे को उपयोग में लें जिसे अलग-अलग स्थानों पर लगाएं। बडे कमरे के लिए गहरे रंगों के और टीक की लकडी के सोफे ही बेहतरीन होते हैं। ड्रॉइंग रूम छोटा है, तो उसमें आप सोफे की व्यवस्था इस प्रकार करें कि आने-जाने में कठिनाई ना हो। इसके लिए सिंगल सोफे से मेल खाती कुर्सियों का चयन करें।
सहयोगी वस्तुएं
सोफोसेट के साथ सेंटर टेबल भी अवश्य रखें। उस पर फूलों के गुलदस्ते, पेपरवेट, ऎश-ट्रे, पत्र-पत्रिकाएं या अन्य कोई कलात्मक सामान रखने से कमरे की शोभा बढती है। सोफा-सेट के ठीक आगे कालीन, चटाई या अच्छे रंग की मोटी दरी बिछाएं। सोफा कवर खरीदते समय दीवारों के रंग का चयन करें। सोफा कवर को समय-समय पर बदलती रहें।
साफ-सफाई
सोफा-सेट की नियमित रूप से सफाई व उसकी साज-संवार जरूरी है। सोफा-सेट के बचाव और रख-रखाव के लिए सीट, बैक तथा हैंडिल का पूरा सैट कॉटन, सिल्क अथवा साटन के कपडे का सिला हुआ रेडीमेड मिलता है, जिसे प्रयोग करने से सोफा-सेट की सुरक्षा तो बढती ही है, साथ ही उसके आकर्षण में भी बढोतरी होती है। गद्दियों पर चढाए जाने वाले कुशन कवर भी सूती, साटन या सिल्क में आकर्षक रंगों और डिजाइनों में मिलते हैं, जिनका उपयोग सोफा-सेट के पीछे की ओर रखी जाने वाली गद्दियों के रख-रखाव के लिए कर सकते हैं।
अगर सोफे को वास्तुशास्त्र के अनुसार रखना चाहें, तो सोफा कभी भी पूर्वी या उत्तरी दीवार की ओर न रखें। सोफा हमेशा पश्चिमी या दक्षिणी दीवार की ओर रखें।

Wednesday 6 May 2009

Fashionable high heels

फैशन हील्स
फैशन के हिसाब से अब सैंडल्स की हील्स में भी बहुत वैरायटी आ गई है। ब्लॉक और पेन्सिल हील के अलावा अब कोनिकल और स्पाइकी शेप की हील्स भी बाजार में आने लगी हैं।
साथ ही-
- लुइस हील : ये हील्स पीछे और किनारों की तरफ से मुडी हुई होती हैं।
- एश्ले हील्स : क्यूब्स के समान होती हैं और एश्ले शूज के नाम पर इनका नाम पडा है।
- पेग्ड हील्स : इनसे हर किसी को चलने-फिरने में आसानी रहती है।
- किटन हील्स : बहुत ही आरामदायक होती हैं। आप इसे सारे दिन पहने रह सकती हैं।
- स्पाइरल हील्स : हर युवती की पसंद बनी हुई हैं ये हील्स।
क्या पहनें
अगर आप हाई हील्स पहनने जा रही हैं, तो आप स्टिलेटो पहन सकती हैं। इससे आप आधुनिक दिखेंगी और आपका पॉश्चर भी बॉडी के हिसाब से बदल जाएगा। सारा दिन घर पर आराम से रह सकें इसके लिए किटन हील्स बढिया रहेंगे। आप लंबी दिखें और चलने में भी असानी रहे इसके लिए वेज हील्स का तो कहना ही क्या। अगर आप दुल्हन बनने जा रही हैं, तो लकडी की हाथ से बनी हुई और एक्रिलिक हील्स जो कि कांच की हील का लुक देती हैं पहनें। आप पर बहुत जमेंगी। इनके साथ ही मेटल और स्टील की पतली लेयर से कवर की हुई हील्स को न भूल जाएं। ये आपके व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने में मदद करेंगी और सबसे बढिया तो पॉलीयूरेथेन सोल वाली हील्स पहनें। ये बहुत ही टिकाऊ और मजबूत रहती हैं।
कलर
अब वो जमाना गया जब केवल काली और भूरे रंग की हील्स आती थीं। अब तो आप अपने आउटफिट्स से मिलते-जुलते रंग की हील्स खरीद सकती हैं। कढाई, डेनिम और ग्लिटर वाली हील इन दिनों सबसे ज्यादा पसंद की जा रही हैं।
परफेक्ट लुक
- अगर आपने जीन्स पहनी है, तो आप पर स्पाइकी हील्स बढिया लगेंगी।
- पार्टी में केवल वेज हील्स ही पहनें।
- स्कर्ट की लंबाई के हिसाब से आप सैंडल्स या बूट पहन सकती हैं।
- घुटनों से नीचे तक की स्कर्ट पर स्टिलेटो हील्स ज्यादा अच्छी लगती हैं।
- अगर आप लंबी हैं, तो किटन हील्स आप पर खूब फबेगी।
खरीदने से पहले
हाई हील खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें-
- हाई हील के सैंडल्स या जूते आपके पांव में फिट हैं। पहनकर और थोडा चलकर देख लें।
- अपने पांव की शेप के हिसाब से ही हील खरीदें। अगर आपके पांव की शेप जूते की शेप से नहीं मिलती तो, आपको पीठ दर्द ही शिकायत हो सकती है।
- हील की फिटिंग चेक कर लें।
- अगर पतली हील है, तो उस पर मेटल की कोटिंग जरूर होनी चाहिए।
high heels always remain in fashion and their is vast range of heels namely luis heels,Aishley heels,Kitten heels,spiral heels,stiletto heels,acrylic heels and many more..........

Neha dhupia says NO ONE IS PERFECT......


कोई परफेक्ट नहीं होता
आज हर लडकी ब्यूटी क्विन बनने का सपना देखती है। मैंने भी देखा और उसे हकीकत में बदलने में कामयाब रही।
छोटे परदे के धारावाहिक "राजधानी" से अपना कैरियर शुरू करने वाली नेहा धूपिया आज अपने कैरियर के ऎसे पायदान पर खडी हैं, जहां से राहें सफलता की ओर हो जाती हैं। "फेमिना मिस इंडिया-2002" का खिताब हासिल करने के साथ मॉडलिंग और कई बडी कंपनियों की एड फिल्मों में काम करना नेहा के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। उन्होंने एक म्यूजिक एलबम में काम किया है और "मुसाफिर हूं यारों" धारावाहिक में एंकर की भूमिका भी निभाई है। नेहा बॉलीवुड की ऎसी अभिनेत्रियों में से हैं, जो कम समय में पहचान बनाने में कामयाब रहीं। हैरी बावेजा की फिल्म "कयामत" से नेहा ने बॉलीवुड में दस्तक दी थी।
छोटू कहकर बुलाते हैं
अगर दुनिया में मुझे सबसे प्यारा है, तो वो है मेरा परिवार। घर के सब लोग मुझे छोटू कहकर बुलाते हैं। मेरे पापा नेवी में ऑफिसर हैं। मम्मी जो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी हैं, शूटिंग या टूर पर मेरे साथ ही होती हैं। एक छोटा भाई भी है, हरदीप। हरदीप जैट एयरवेज में नौकरी कर रहा है। जितना भी हो, मैं अपना समय परिवार वालों के साथ ही बिताना पसंद करती हूं।
मैं मदर टेरेसा तो नहीं
कोई भी शख्स अपने जीवन में परफेक्ट नहीं होता। मैं भी नहीं हूं, लेकिन यह सही है कि सभी में कोई न कोई खास गुण जरूर होता है। इंदिरा गांधी की लीडरशिप, मदर टेरेसा की उदारता, समाज सेवा, दीन-दुखियों का दर्द बांटने का गुण और ऎश्वर्या की खूबसूरती भले ही हमारे पास नहीं हो, लेकिन हम इन्हें पाने का प्रयास तो कर ही सकते हैं और मैं अपना काम कर रही हूं।
हंसते रहने वाले पसंद
अपने काम को लेकर मैं पूरी तरह कॉन्फीडेंट रहती हूं। मॉडलिंग और एक्टिंग की दुनिया में कदम मैंने इतिहास में ऑनर्स की पढाई करने के बाद रखा और आज खुशी है कि यहां तक तो पहुंच गई हूं। मुझे कॉन्फीडेंट और सदा हंसने वाले लोग पसंद हैं।
योगा करती हूं
मिस इंडिया कॉन्टेस्ट की तैयारी के दौरान मैंने योगा और मेडीटेशन करना शुरू किया था। मानसिक रूप से स्वस्थ रहने और अपनी मेहनत को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ये दोनों ही काम महत्वपूर्ण साबित हुए। यही कारण है कि मैं आज भी योगा करना नहीं भूलती।
पूरा हुआ ख्वाब
मैं अखबारों और टीवी पर सुष्मिता सेन और एश्वर्या राय के बारे में सुना और पढा करती थी। देश की हर लडकी ब्यूटी कि्वन बनने का सपना देखती है और मैंने भी वही सपना देखा था। मुझे मेरे दोस्त ने एक चांस लेने को कहा और मैं कामयाब रही।
कुछ हटकर है पसंद
खाने-पीने के मामले में मेरी पसंद शुरू से अलग ही रही है। मुझे सी फूड बेहद पसंद है। नारियल पानी भी मुझे पसंद है। खाने में ज्यादा से ज्यादा सब्जियां हों और फूट्स शामिल हों, तो मजा दुगना हो जाता है।
फिल्में देखने का शौक
मुझे शुरू से ही फिल्में देखने का शौक रहा है। टॉम हैंक्स, आमिर खान और जूलिया रॉबर्ट मेरे फेवरेट स्टार्स हैं। इनकी फिल्मों को मैंने कई-कई बार देखा है। वैसे टाइम पास करने के लिए मुझे मैग्जीन पढना पसंद है और शॉपिंग के दौरान म्यूजिक एलबम और फिल्मों के कैसेट खरीदने का मुझे बेहद शौक है। अगर कभी मौका मिला, तो आमिर और शाहरूख खान के साथ किसी फिल्म में काम जरूर करूंगी।

Neha says' no one is perfect,and mention her likes and dislikes,her favorite cuisine and many more......